शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उद्धव को राजनीतिक विरासत पिता स्व. बाला साहेब ठाकरे से मिली है। कार्टूनिस्ट पिता के बेटे उद्धव को राजनीति से ज्यादा लगाव फोटोग्राफी से है। बताया जाता है कि फोटोग्राफी के शौक के कारण वे करीब 40 साल राजनीति से दूरी बनाए रखी।
फोटोग्राफी से उद्धव के लगाव को इस बात से समझा जा सकता है कि पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था- फोटोग्राफी मेरे लिए ऑक्सीजन की तरह है। कोई कुछ भी कहे मैं फोटोग्राफी नहीं छोड़ सकता हूं।
उद्धव को बचपन से फोटोग्राफी का शौक
उद्धव को बचपन से ही फोटोग्राफी का शौक है। वाइल्ड लाइफ और नेचर फोटोग्राफी उनके पसंदीदा विषय है। वे फोटो प्रदर्शनी और पर्यावरण से जुड़े कार्यक्रमों का अक्सर आयोजन करते रहते हैं। मुंबई की जहांगीर आर्ट गैलरी में अक्सर उद्धव की फोटो एग्जीबिशन होती है। इन प्रदर्शनियों से होने वाली आय को वह किसानों और जरूरतमंदों की सहायता के लिए डोनेट करते हैं।
तस्वीरों की किताब
उद्धव ने अपनी तस्वीरों के संकलन को 'महाराष्ट्र देशा' नाम की एक किताब के रूप में सबके सामने रखा। इस किताब में महाराष्ट्र के 27 बड़े किलों की एरियल व्यू की तस्वीर है। इनमें शिवनेरी, तोरणा, राजगढ़, प्रतापगढ़, विशाल गढ़, पुरंदर और दौलताबाद का किला है। साथ ही, इस किताब में राज्य के प्रमुख मंदिरों और हाजी अली दरगाह की तस्वीरें भी हैं।
एरियल फोटोग्राफी पसंदीदा
आसमान से किलों की तस्वीरें खींचने के लिए उद्धव ने रक्षा मंत्रालय से क्लीयरेंस लिया था। इन सभी तस्वीरों को हेलिकॉप्टर से काफी ऊंचाई से लिया था। महाराष्ट्र के किलों का ऐसा स्वरुप दुनिया के सामने पेश करने वाले उद्धव ने 'दुर्ग प्रेमी संगठन' भी बनाया है। इसके अलावा उद्धव ने महाराष्ट्र की मशहूर वारी यात्रा की एरियल फोटोग्राफ भी खींची हैं।
2008 में इंफ्रारेड फोटोग्राफी
साल 2008 में उद्धव ने इंफ्रारेड तकनीक का इस्तेमाल करते हुए कनाडा के 'हडसन बे' में लगभग शून्य तापमान पर पोलर बियर और कम्बोडिया के मंदिरों की तस्वीरें खींची हैं। इन तस्वीरों ने उन्हें एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर के रूप में स्थापित किया।
इच्छा
पिछले दिनों एक इंटरव्यू में उद्धव ने बताया था कि वह विश्व के सक्रिय ज्वालामुखी, अंटार्कटिक प्रदेश और माउंट एवरेस्ट पर्वत श्रृंखलाओं की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद करना चाहते हैं।