ईरान की इकलौती महिला ओलिंपिक पदक विजेता किमिया अलीज़ादेह ने देश छोड़ने का फैसला किया है। 21 साल की किमिया ने इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि वह ईरान में झूठ, अन्याय और चापलूसी का हिस्सा नहीं बनना चाहती। उन्होंने खुद को देश की लाखों सताई हुई महिलाओं में से एक माना है। वह इस वक्त कहां है, इस बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी है। लेकिन ईरानी मीडिया ने उनके नीदरलैंड्स में होने की बात कही है।
किमिया ने रियो ओलिंपिक में ताइक्वांडो में ब्रॉन्ज मेडल जीता था
किमिया ने 2016 के रियो ओलिंपिक में ताइक्वांडो में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वे देश के लिए इकलौता ओलिंपिक मेडल जीतने वाली खिलाड़ी हैं। अपनी पोस्ट में इस खिलाड़ी ने ईरानी अफसरों पर आरोप लगाए कि उन्होंने मेरी कामयाबी को अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल किया। इस ओलिंपियन ने ईरान छोड़ने का फैसला तब लिया, जब देश में यूक्रेन के विमान को गलती से मार गिराने के कारण भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
ईरानी अफसरों ने अपमान किया
किमिया ने आगे लिखा,‘‘मैं सालों तक देश के लिए खेलती रही। अधिकारियों का हर आदेश माना। उन्होंने जो पहनने के लिए कहा, वही पहना। लेकिन हम उनके लिए अहमियत नहीं रखते। केवल इस्तेमाल होने वाले औजार की तरह हैं। सरकार मेरी कामयाबी को राजनीतिक तौर पर भुनाती रही।’’ अलीजादेह ने इससे भी इनकार किया कि उन्हें यूरोप से कोई आकर्षक प्रस्ताव मिला है और न ही उन्होंने यह बताया है कि वह कहां जाएंगी।
अलीजादेह को टोक्यो ओलिंपिक में खेलने की उम्मीद
बीते गुरुवार ईरान की समाचार एजेंसी इसना की रिपोर्ट में कहा गया, 'ईरानी ताइक्वांडो को झटका, किमिया अलीज़ादेह नीदरलैंड्स में बसीं'। इसी रिपोर्ट में लिखा गया है कि अलीज़ादेह को 2020 के टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने की उम्मीद तो है, लेकिन ईरान के झंडे तले नहीं। उन्होंने भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी तो नहीं दी है। लेकिन ये साफ कर दिया कि वह जहां भी जाएंगी, वहां ईरान की बेटी बनकर रहेंगी।